टाटा समूह 2027 तक इलेक्ट्रिक वाहन, अर्धचालक, नवीकरणीय ऊर्जा, बैटरी और ई-कॉमर्स जैसे नए उद्योगों में 90 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है। समूह की नई रणनीति के अनुसार, यह अंतरराष्ट्रीय बाजार पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय भारत में ही इन विनिर्माण इकाइयों को स्थापित करने का इरादा रखता है।
टाटा विमान उद्योग में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है, हाल ही में 18,000 करोड़ रुपये (वर्तमान दर पर लगभग 2.25 अरब अमेरिकी डॉलर) के लगत से एयर इंडिया का अधिग्रहण किया है। समूह ने पहले ही विभिन्न तेजी से बढ़ते उद्योगों जैसे इलेक्ट्रिक कारों, नवीकरणीय ऊर्जा, और इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रगति की है।
समूह अब सेमीकंडक्टर व्यवसाय में उतरने की सोच रहा है, जिसमे चिप्स की वैश्विक कमी के साथ-साथ बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) को देखते हुए कुछ बड़े कॉरपोरेट्स ने दिलचस्पी ली है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने हाल ही में निजी क्षेत्र से आग्रह किया था कि वह इस साल के बजट सत्र में सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए भारत में बड़ा निवेश करने की अपनी आशंका को दूर करे। यह घटती हुई निजी पूंजी निवेश पर देश की चिंताओं को दर्शाता है।
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