लगभग तीन साल पहले एक अदृश्य प्रजाति ने पूरी दुनिया को एक उन्मत्त स्थिति में धकेल दिया था और हमें अभी भी यकीन नहीं है कि अब हम कहां खड़े हैं और क्या हम कभी इससे बाहर निकल पाएंगे। यह तब चीन था और यह अब चीन है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) या अमरीका और यूरोप जैसे तथाकथित प्रहरी इस ड्रैगन देश से कब भिड़ेंगे। बहुत कुछ कहा जा चुका है, लेकिन अब तक क्या किया गया है? विश्व के इन नेताओं की साख पर बड़ा सवालिया निशान। वे प्रतिबंध लगाने वाले देश कहां हैं जो रूस के खिलाफ प्रतिबंध के बाद प्रतिबंध लगा रहे हैं, लेकिन चीन की बात आने पर चुप्पी साधे हुए हैं? पाखंडी व्यवहार में वे सर्वश्रेष्ठ हैं। क्या चीन ने अपने अहंकार में पूरी दुनिया से जंग नहीं छेड़ दी है? चीन अपने पड़ोसियों को उनकी सीमाओं के चारों ओर अतिक्रमण करके परेशान करने के लिए जाना जाता है। इसकी नीति स्पष्ट है, दूसरों को तोड़-मरोड़ कर जियो और बढ़ो। इसने चुपचाप कोरोना वायरस को बढ़ने दिया और वुहान से अंततः पूरी दुनिया में फैल गया और फिर बेशर्मी से इस वैश्विक नरसंहार में अपनी भागीदारी से इनकार किया। इसने एक ऐसा टीका बनाया जो काम नहीं करता। ऊप...